वायुमंडल

समुद्र तल से औसत ऊंचाई 1600 किलोमीटर होती है
वायु मंडल की की समुद्र तल से औसत ऊंचाई को एल्टीट्यूड कहते हैं
उर्ध्व  तापमान भिन्नता के आधार पर वायुमंडल को चार भागों में विभाजित किया गया है

1.क्षोभ मंडल (Troposphere)

क्षोभ मंडल की समुद्र तल से औसत ऊंचाई 8 से 18 किलोमीटर होती है
ऊंचाई के साथ तापमान में प्रति किलोमीटर 6.5c गिरावट आती है जिसे ताप हासदर कहते हैं
मौसम संबंधी घटनाएं बादल, बरसात ,तूफान ,ओलावृष्टि आदि इसी में होती है
क्षोभमंडल वायुमंडल का सबसे घना भाग है
क्षोभमंडल वायुमंडल के द्रव्यमान का 85% है
ट्रोपोपॉज़ क्षोभमंडल और समताप मंडल के बीच की सीमा है

2.समताप मंडल (Stratosphere)

समुद्र तल से औसत  ऊंचाई 18 से 50 किलोमीटर होती है
ऊंचाई के साथ तापमान में वृद्धि होती है अतः सबसे गर्म मंडल है
 इसलिए  ओजोन गैस पाई जाती है जो सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है ओजोन परत का नुकसान क्लोरोफ्लोरोकार्बन से होता है
यह धूल मुक्त बादल मुक्त पर्यावरण परत है
समताप मंडल में लगभग 15% वायुमंडलीय द्रव्यमान होता है
समताप मंडल यह ध्रुवों पर मोटा होता है और कभी-कभी भूमध्य रेखा पर अनुपस्थित होता है
समताप मंडल समताप मंडल और मध्यमंडल वर्ग के बीच की सीमा है

3.मध्य मंडल (Mesosphere)

समुंद्र तल औसत ऊंचाई 50 से 80 किलोमीटर होती है
इस परत में ऊंचाई में वृद्धि के साथ तापमान घटता है
मेसोपॉज मेसोस्फीयर और थर्मोस्फीयर के बीच की सीमा है

4.तापमडल. (Thermosphere)

समुद्र तल से ऊंचाई 80 से 1600 किलोमीटर होती है
इसे आयन मंडल भी कहते हैं जिसमें लंबी दूरी की रेडियो तरंगों का घमन होता है
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की कक्षा इस परत में 320 से 380 किमी.  तक है
इस परत में आयनोस्फीयर मौजूद है
आयनमंडल के माध्यम से रेडियो संचार संभव होता  है
थर्मोस्फीयर का शीर्ष एक्सोस्फीयर का निचला भाग होता है जिसे एक्सोबेस कहा जाता है

5.Exosphere

यह वायुमंडल की सबसे बाहरी परत है
मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम से बना है


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