किसानों के लिए विशिष्ट पहचान पत्र बनाने का काम पायलट प्रोजेक्ट पर चल रहा है । जल्द ही देश के संपूर्ण किसान इसमें सम्मिलित हो जाएंगे और राष्ट्रीय स्तर पर डेटाबेस तैयार होने के बाद इसे पूर्णतया लागू कर दिया जाएगा ।
सरकारी योजनाओं से लाभान्वित होने के लिए किसानों को हर बार आवेदन करना पड़ता है।
इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए केंद्र सरकार देश के किसानों के लिए विशिष्ट पहचान पत्र जारी करने का विचार कर रही है ।
विशिष्ट पहचान पत्र बनाने की प्रक्रिया देशभर में चलना प्रारंभ हो गई है ।
अब तक 5 करोड़ किसानों का डाटाबेस तैयार हो चुका है जिसके आधार पर 12 अंकों का पहचान पत्र दिया जाएगा ।
अब इसी पहचान पत्र के माध्यम से किसानों को केंद्र व राज्य सरकारों के विभिन्न योजनाओं का लाभ बिना किसी झंझट से प्राप्त हो सकेगा।
यह पूर्णतया लागू होने के बाद डेटाबेस में शामिल किसानों को ही सभी प्रकार की योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।
विशिष्ट पहचान पत्र बनने के बाद किसी भी योजना में किसानों को आवेदन करने के लिए बार-बार विभिन्न प्रकार के दस्तावेजों की जरूरत नहीं रहेगी क्योंकि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा कई प्रकार की योजनाएं चलाती है जिस कारण किसानों को हर बार दस्तावेजों को सत्यापन करवाकर जमा करवाना पड़ता है। अब किसान भाई केवल विशिष्ट पहचान पत्र के माध्यम से हर योजना से लाभान्वित होने कज लिए आवेदन कर सकते हैं। इस विशिष्ट पहचान पत्र के बाद कृषि योजना में होने वाले भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी और किसानों की खेती संबंधी जानकारी भी इसी माध्यम से दी जाएगी।
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