ऑर्गेनिक फार्मिंग
हम सभी जानते हैं कि भारत एक विशाल देश है और यहां की लगभग साठ से सत्तर %जनसंख्या अपनी आजीविका निर्वहन के लिए कृषि कार्य पर निर्भर है
आज से कुछ साल पहले की जाने वाली खेती और वर्तमान में खेती करने की प्रक्रिया में एक बहुत बड़ा अंतर आ गया है
आजादी से पूर्व भारत में की जाने वाली खेती में किसी प्रकार के रासायनिक पदार्थों का उपयोग नहीं किया जाता लेकिन बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण अन्न की मांग बढ़ने लगी और धीरे-धीरे लोग अधिक उत्पादन के लिए रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करना प्रारंभ कर दिया
जिसके कारण आज लोग तरह-तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं यह समस्या ज्यादातर पंजाब के आसपास के लोगों में ज्यादा हो रही है
आजादी के बाद वहां के लोगों ने उत्पादन को बढ़ाने के लिए अंधाधुंध रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग किया जिसके कारण वहां की मिट्टी की फर्टिलिटी बहुत ज्यादा कम हो गई जिससे नित्य में रासायनिक पदार्थों की मात्रा बढ़ गई जिससे वहां उगने वाले अनाजों में भी रासायनिक की मात्रा बढ़ गई जिसका प्रभाव अनाज का उपयोग करने वाले बच्चे और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर हो रहा है जिससे लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं
क्या होती है ऑर्गेनिक खेती
ऑर्गेनिक खेती फसल उत्पादन की एक प्राचीन पद्धति है जिसके कारण पहले के लोग एक स्वस्थ जीवन यापन करते थे और आज ऑर्गेनिक खेती को जैविक खेती कहते हैं जैविक कृषि में फसलों के उत्पादन में गोबर की खाद में न्यूज़ कंपोज जीवाणु खाद फसलों के अवशेष और प्रकृति में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के खनिज पदार्थों के माध्यम से पौधों को पोषक तत्व दिए जाते हैं इस प्रकार की खेती में प्रकृति में पाए जाने वाले तत्व एवं पदार्थों का कीटनाशक के रूप में प्रयोग किया जाता है जैविक खेती पर्यावरण की शुद्धता बनाए रखने के साथ की भूमि की प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रखती है ऑर्गेनिक खेती का अभिप्राय एक ऐसी कृषि प्रणाली से हैं जिसमें फसलों का उत्पादन एक स्वस्थ प्रक्रिया के रूप में हो
ऑर्गेनिक खेती के द्वारा हम अपने अनाजों को रासायनिक फ्री कर सकते हैं हमारा अनाज अच्छा होगा और अच्छी गुणवत्ता का होगा तभी हमारा खान-पान अच्छा होगा और हमारा खान-पान अच्छा होगा तो हम अपने लोगों को एक स्वस्थ जीवन दे पाएंगे
इसी सोच के साथ हम अपने अपने देश को एक ऑर्गेनिक देश के के रूप में बना पाएंगे
Post a Comment