खेती बाड़ी में अब नए स्टार्टअप करने पर प्रदेश सरकार भी सहयोग कर रही है।
परंपरागत कृषि बाड़ी को छोड़कर नई टेक्नोलॉजी के साथ खेती करना आजकल फायदे का सौदा साबित हो रहा है इसी कड़ी में राजस्थान मे कृषि आधारित स्टार्टअप की चाह रखने वाले किसानों के लिए निम्न प्रकार से सहायता एवं फंड उपलब्ध करवाया जाता हैं।
स्टार्टअप के द्वारा खूद के साथ अन्य लोगों को भी खेती बाड़ी में आगे बढ़ा जा सकता हैं एवं रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
इनक्यूबेशन सेंटर में महिलाओं के लिए 10% सीट रिजर्व रखी जाती है जिसको समय पर और अधिक बढ़ाया जा सकता है।
प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में कृषि से संबंधित स्टार्टअप करने पर निम्न प्रकार से सहायता प्राप्त होती है।
▫️✔️पहले सूचना एवं प्रतीक विभाग को स्टार्टअप के आइडिया की फाइल भेजी जाती है ।
▫️✔️स्टार्टअप की फाइल स्वीकृत होने के बाद उसकी मार्केटिंग के लिए 1 वर्ष तक प्रति महीने ₹10000 का सस्टेनेंस अलाउंस मिलता है जिसके तहत उस स्टार्टअप की मार्केटिंग में सहायता हो सके।
▫️✔️ स्टार्टअप में मार्केटिंग के बाद उसे चलाने के लिए ₹200000 की सीड मनी सरकार देती है।
▫️✔️ समय-समय पर मार्केटिंग फंड और टेक्नो फंड की सुविधाएं गई मिलती रहती है जिस कारण स्टार्टअप की गतिविधि तेज होती जाती है।
राजस्थान के मरुस्थल से लेकर आदिवासी अंचल में महिलाएं एवं पुरुष कृषि क्षेत्र में आगे आ रहे हैं जो कि फूड प्रोसेसिंग डेयरी और ऑर्गेनिक फार्मिंग तथा अन्य कृषि आधारित स्टार्टअप कर रहे हैं। स्टार्टअप करने के लिए समय-समय पर खेती पशुपालन डेयरी कृषि आधारित प्रशिक्षण दिए जाते हैं।
Good for innovative farmer
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