Tillage - यांत्रिक क्रियाओं द्वारा खेतों की मृदा को बीज उगाने फसलों की वर्द्धि के लिए उपयुक्त करना Tillage कहलाता है।

 मृदा को तैयार करने के बाद भौतिकी रूप से आए परिवर्तन को Tilth कहा जाता है।

 जेथ्रोटूल को फादर ऑफ टिलेज कहते हैं क्योंकि इन्होंने बताया कि फसलों के लिए खेतो मे जुताई करना आवश्यक है ।

▪️लाभ -

 बीज अंकुरण के लिए उपयुक्त रहता है।

 फसल अवशेष खेत में मिलने पर कार्बनिक पदार्थों की मात्रा बढ़ती है।

 खरपतवारों का नियंत्रण होता है।

 मृदा की जल धारण क्षमता बढ़ती है।

 मिट्टी की सख्त पर दूर होती है एवं मिट्टी मुलायम बनती है ।

▪️Primary Tillage- फसलों की बुवाई से पहले यांत्रिक क्रिया द्वारा खेत की मृदा को जुताई करना प्राथमिक भू परिष्करण कहलाता है ।

▪️Secondry tillage- फसलों की बुवाई के पश्चात से कटाई तक किए गए कृषि कार्य द्वितीयक भू-परिष्करण कहलाता है।

 ▪️जूताई की गहराई फलदार पोधौ के लिए गहरी एंव सामान्य फसलों के लिए कम होती ऊ।


जुताई के लिए 60 से 65% नमी होनी चाहिए।

▪️कृषी यंत्र

जुताई यंत्र - मोल्ड बोर्ड, देशी हल, पाटा

मेड़ बनाने वाले यंत्र - 

नाली बनाने वाले यंत्र- सीरीज मेकर

बुवाई वाले यंत्र - देशी हल, कल्टीवेटर, सीडड्रिल

निराई गुड़ाई वाले यंत्र - कल्टीवेटर, हैरो, कुदाली

कटाई वाला यंत्र - दराती, रीपर, मोअर,कंबाइन





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