आज का युवा परंपरागत खेती को छोड़कर वैज्ञानिक ढंग से खेती करने की ओर अग्रसर है इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे झालावाड़ जिले से किसान अंकित जी के बारे में।
किसान अंकित जी के पिता आज भी परंपरागत खेती कर रहे हैं अंकित ने खेती बाड़ी में मशरूम करने का दिमाग लगाया और मशरूम के बारे में जानकारी प्राप्त करके मशरूम उत्पादन किया और आज "मशरूम बाजार" के नाम से अपनी फर्म का रजिस्ट्रेशन भी करवा रहे हैं ।
अंकित जी ने झालावाड़ से अपना मशरुम व्यवसाय प्रारंभ किया और आज कोटा में इन्होंने अपना व्यवसाय स्थापित किया है।
मशरूम उत्पादन करने के पश्चात मार्केटिंग करना थोड़ा कठिन काम था इसलिए अंकित जी ने मशरूम का पाउडर बनाया।
अंकित जी ने अपनी हिम्मत नहीं हारी और परिवार के साथ मिलकर मशरूम पाउडर से पापड़ , भुजिया , बिस्किट बनायें जो कि आज मशरूम बाजार के नाम से बिक्री करते हैं।
मशरूम से बने पापड़ , भुजीया , बिस्किट अलग-अलग मात्रा के पैकेट हैं जिनको कोई भी व्यक्ति आसानी से अपनी जरूरत के अनुसार खरीद सकता है।
आज अंकित जी बताते हैं कि इन 2 साल के सफर में काफी समस्या का सामना करना पड़ा क्योंकि मशरूम की जो खेती है वह आज भी सामान्य किसानों की समझ से परे है आखिर एक छोटे से कमरे से कैसे मशरूम उत्पादन हो सकता है।
एग्रो चौपाटी से बात करते हुए अंकित जी बताते हैं कि मशरूम उत्पादन के प्रारंभ के समय आसपास के लोगों को बताने में कठिनाई होती थी कि यह मशरूम है जो कि पूर्णतया शाकाहारी है और इस मशरूम से मानव शरीर को कई प्रकार के फायदे होते हैं क्योंकि इसमें विटामिन प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट सभी उच्च मात्रा में पाए जाते हैं।
सामाजिक सरोकार की बात करें तो अंकित जी ने अपनी टीम के साथ मिलकर विभिन्न स्थानों पर कोरोना के समय काढा वितरण का भी काम किया है।
अगर आपको भी मशरूम बाजार के उत्पाद चाहिए तो आप मशरुम बाजार से घर बैठे होम डिलीवरी की सुविधा के साथ मंगा सकते हैं ।
✔️▪️अगर आपको भी कोई प्रगतिशील किसान के बारे में जानकारी हो तो यहां से संपर्क करें।
agrochopati@gmail.com
Bahut acha Starup h sir.
ReplyDeleteYour work is really appreciate us
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