नमस्कार दोस्तों आज हम जानेंगे कि हमारे खेतों में होने वाला बाजरा किस प्रकार से एक मानव शरीर के लिए सबसे अच्छा भोजन है।



जी हां दोस्तों बाजरे की फसल है , बहुत प्राचीन काल से होती आ रही है और कम पानी के अंदर फसल तैयार हो जाती है। अर्थात बाजरे की फसल में सर्वाधिक सूखा सहन करने की क्षमता होती है।


बाजरा की फसल अफ्रीका, अरब, यूरोप ,भारत लगभग सभी देशों में होती आ रही है । बाजरे की फसल भारत चीन सूडान जैसे देशों में अधिक मात्रा में होती है।

अनाजों की फसलों में बाजरे का पांचवा स्थान है। और सबसे बड़े स्तर पर बाजरे की खेती होती है। भारत में राजस्थान महाराष्ट्र गुजरात हरियाणा और पंजाब प्रदेशों में बाजरे की खेती के लिए प्रसिद्ध है।


इस बाजरे को अलग-अलग प्रदेशों में अलग-अलग नामों से जानते हैं।

हिंदी बंगाली पंजाबी उर्दू में इसको बाजरा कहते हैं।

तमिल और मलयालम में इसे काम्बो कहते हैं।

तेलुगु में इसे सजालु कहते हैं।

मराठी और गुजराती में इसे बाजरी कहते हैं।


इस बाजरे के दाने छोटे-छोटे गोलाकार होते हैं जो कि हल्के सुनहरे पीले होते हैं इस बाजरे को पीसकर बाजरे की रोटी बनाई जाती है जिसको सोगरा कहते हैं।


बाजरे में पाए जाने वाले कुछ ऐसे पोषक तत्व जिस कारण बाजरा मानव शरीर के लिए अति उपयोगी है ।

बाजरा का जो आटा होता है वह ग्लूटीन मुक्त होता है जिस कारण प्रत्येक व्यक्ति के शरीर में आसानी से इसका पाचन हो जाता है।


बाजरे में विटामिन बी आयरन मैग्निशियम कैलशियम पोटाश मैग्नीज कॉपर जिंक फोलिक एसिड कई प्रकार के खनिज लवण पाए जाते हैं जिस कारण बाजरा हर पोषक तत्वों की पूर्ति करता है।


बाजरे में प्रोटीन की मात्रा 14% होती है।

 बाजरा में वसा की मात्रा 5% होती है।

 बाजरा में नमी 12% होती है।

 बाजरा में कार्बोहाइड्रेट 67% होती है ।

बाजरा में खनिज लवण 2.7% होता है।

 इस प्रकार बाजरा मानव शरीर के लिए अति उपयोगी है।


बाजरे में कई प्रकार के एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो कि शरीर को अंदरूनी मजबूती प्रदान करते हैं।

बाजरे में ग्लूटीन नहीं होने के कारण 0 से 6 माह के बच्चों के लिए यह अच्छा खाद्य पदार्थ है क्योंकि शिशु अवस्था में आसानी से इसका पाचन हो जाता है।

बाजरा का सेवन करने से रक्तचाप को नियंत्रण किया जा सकता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम कर के हृदय संबंधी रोगों से बचा जा सकता है।

बाजरे में रेशा होने के कारण कब्ज जैसी शिकायत को भी दूर किया जा सकता है।

धात्री महिलाएं को  बाजरा खिलाने से शरीर मे दूध का निर्माण होता है और शरीर में कमजोरी नहीं आती है क्योंकि बाजरे में कैल्शियम की मात्रा होती है जिस कारण शरीर को कमजोर नहीं करने देता।


इस प्रकार बाजरा हमारे मानव शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है और भारत में राजस्थान बाजरे की खेती के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है और यहां के लोग बाजरे के सोगरे के साथ बड़े चाव से भोजन करते हैं।

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