1. सरल उर्वरक- इनमें केवल एक पोषक तत्व होता है।
नाइट्रोजन उर्वरक-
नाइट्रेट उर्वरक - सोडियम नाइट्रेट, कैल्शियम नाइट्रैट
अमोनियम उर्वरक - अमोनियम सल्फेट, अमोनियम फास्फेट
नाइट्रेट एवं अमोनियम उर्वरक - अमोनियम नाइट्रेट
एमाइड उर्वरक (जैविक उर्वरक) - यूरिया
स्लो रिलीज वाले नाइट्रोजन उर्वरक - आइसोब्यूटाइलिन
नाइट्रिफिकेशन अवरोधक उर्वरक - नाइट्रापाइरिन
फास्फेटिक उर्वरक -
जल में घुलनशील - SSP ,DSP ,TSP
साइट्रिक अम्ल में घुलनशील- बेसिक स्लगडाई कैल्शियम फास्फेट
जल व साइट्रिक अम्ल में घुलनशील - रॉक फास्फेट
पोटाशिक उर्वरक--
क्लोराइड - म्यूरेट ऑफ पोटाश
क्लोराइड रहित रूप - पोटेशियम सल्फेट
2. जटिल उर्वरक -इन उर्वरकों में दो या दो से अधिक पोषक तत्व जुड़े होते हैं।
पूर्ण योगिक- (NPK) 20:2:20
अपूर्ण योगिक - (DAP) 18:46:00
3. मिश्रित उर्वरक - इन उर्वरकों में दो या दो से अधिक तत्व भौतिक रूप से जुड़े हुए होते हैं।
खुला सूत्र मिश्रित
बंद सूत्र मिश्रित
4. जैव उर्वरक - इन उर्वरकों में नाइट्रोजन एवं फास्फोरस तत्वों की प्राप्ति हेतु सूक्ष्मजीवों का समावेश होता है ।
नाइट्रोजन - मुक्तजीबी, सहजीवी ,सहजीवी साहचर्य
फास्फोरस - फास्फोरस घोलक , फास्फोरस अवशोषक
5.तरल उर्वरक- इन उर्वरकों में पोषण तत्वों को तरल रूप में डाला जाता है।
घुलनशील ,अवलंबित अथवा दोनों रूप में मौजूद उदाहरण एनहाइड्रेस अमोनियम
6. दानेदार उर्वरक - इन उर्वरक में समान आकार के स्थाई दाने होते हैं जिससे छिड़काव में आसानी होती है । उदाहरण यूरिया डीएपी
7. स्लो रिलीज उर्वरक - इन उर्वरकों में पोषक तत्व धीरे-धीरे मात्रा में मुक्त होते हैं।
संश्लेषित उर्वरक - इनमें धीरे-धीरे पोषक तत्व मुक्त होते हैं । उदाहरण फॉर्मएल्डिहाइड
लेपित उर्वरक - इनमे उर्वरक निष्क्रिय पदार्थो की अर्धपारगम्य झिल्ली द्वारा लेपित रहते हैं। उदाहरण नीम लेपित यूरिया
8. सूक्ष्म पोषक तत्व उर्वरक - यह उर्वरक सुक्ष्म मात्रा में पोषक तत्व प्रदान करते हैं ।
सरल अकार्बनिक पोषक तत्व
फोर्टिफाइड सूक्ष्म पोषक तत्व उर्वरक
Organic Manure (कार्बनिक खाद) - खेतों पर उगाई गई फसलों एवं पशु पक्षियों के मल-मूत्र ,शरीर अवशेष के विघटन के फलस्वरुप कार्बनिक खाद का निर्माण होता है।
▪️प्राप्ति के आधार पर
पाश्विक खाद - गोबर ,हड्डी ,रक्त ,मानव मल
वानस्पतिक खाद - हरी खाद ,खलिया, कृषि अवशेष
▪️तत्वों की मात्रा पर
1. स्थूल कार्बनिक खाद - इनमें कार्बनिक पदार्थ ज्यादा एवं पोषक तत्व कम मात्रा में होते हैं । उदाहरण गोबर, कंपोस्ट
2. सांद्रित कार्बनिक खाद - इनमें कार्बनिक पदार्थ कम एवं पोषक तत्व ज्यादा मात्रा में होते हैं। उदाहरण खलिया, हड्डी चुरा
मृदा पर प्रभाव
पौध वर्द्धि पर सिधा प्रभाव पड़ता है ।
मुख्य पोषक तत्वों के साथ सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति होती है।
मृदा के भौतिक दशा में सुधार होता है।
जल धारण क्षमता एवं जल निकास एवं सुधार होता है।
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