Agriculture extension education
विभिन्न प्रकार की योजना एवं कार्यक्रमों के माध्यम से अपने ज्ञान, कौशल एवं क्षमता से वांछित परिवर्तन लाकर आवश्यक बदलाव लाना ।
यह एक लैटिन भाषा का शब्द है जो कि ex और tensis से मिलकर बना होता है ।
इस शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग यूएसए में हुआ था।
उदेश्य -
1.उपयोगी एवं व्यवहारिक ज्ञान का प्रसार विस्तार करना
2.कमजोर वर्ग का सर्वागीण विकास करना
3.उपयोगी ज्ञान का उपयोग

Training and visit system
विश्व बैंक के सलाहकार डेनियल बेनौर ने 1973 में इसकी अवधारणा की थी , इसलिए इसको बेनौर प्रणाली भी कहा जाता है।
राजस्थान में इस प्रणाली की शुरुआत 1974 में हुई थी ।
▪️Training - इसमें प्रशिक्षिक अपनी तकनीकी जानकारी एसएमएस के द्वारा प्रसार कार्यकर्ता को प्रदान करता है ।
▪️Visit - इसमें प्रसार कार्यकर्ता अपनी तकनीकी जानकारी किसानों को प्रदान करते हैं ।

Demonstration -  इस प्रणाली में किसी ज्ञान‌ को प्रर्दशन करने के बाद किसानों को दिखाना ही इसका मूलभूत उद्देश्य है ।
▪️Method Demonstration - इसके जनक Dr Seeman और Aknapp है।
यह सबसे पुराना प्रशिक्षण है।
इसमें छोटे स्तर का प्रदर्शन होता है।
▪️Results Demonstration - इसमें नई एवं पूरानी तकनीकी के तुलनात्मक अध्ययन होता है।
इसमें बड़े स्तर का प्रदर्शन होता है ।
▪️ National Demonstration - इसकी शुरुआत 1965 मे कृषि मंत्रालय द्वारा की गई।
इसमें किसानों के खेत पर सरकारी कर्मचारी , अनुसंधान कार्यकर्ता द्वारा कार्य किया जाता है।

Krishi vighyan kandra
कृषि विज्ञान केंद्र बनवाने के लिए आईसीएआर द्वारा मोहन सिंह मेहता कमेटी का गठन किया गया।
भारत में प्रथम कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना पांडिचेरी तमिलनाडु में हुई ।
पांचवी पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत आईसीएआर ने देश में कृषि विज्ञान केंद्र की अनुमति प्रदान की।
इसका वित्त पोषण 100% आईसीएआर आयात करता है ।
राजस्थान में प्रथम कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना की गई।
Agriculture projects
गुड़गांव प्रोजेक्ट 1920
सेवाग्राम प्रोजेक्ट 19 20 शांतिनिकेतन 19 21
Intensive agriculture area programme
multiple cropping programme
Training and rural youth for self employment
Integrated rural development programme
Operation research project Lab to land programme

▪️पंचायती राज
इसकी शुरुआत आंध्र प्रदेश में 1959 में हुई ।
राजस्थान में नागौर से प्रारंभ हुई ।
इसमें तीन स्तर होते हैं
जिला स्तर पर जिला परिषद होती है।
ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत होती है।
ब्लॉक स्तर पर पंचायत समिति होती है।

Post a Comment