चने में बुवाई के 20-25 दिन में जरूर करें ये आवश्यक छिड़काव
चना भारत की सबसे महत्वपूर्ण दलहनी फसल है।
विश्व में 80% चने का उत्पादन भारत में होता है। चने की फसल पाले के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होती है। इसका उपयोग मानव उपभोग के साथ-साथ जानवरों को खिलाने के लिए भी किया जाता है। ताजी हरी पत्तियों एवं छोले का उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता है और भूसे का उपयोग मवेशियों के लिए एक उत्कृष्ट चारे के रूप में किया जाता है। चने की फसल जब 35 दिन की हो जाए तो उसमें निपिंग प्रक्रिया करनी चाहिए।
चने की फसल में बुवाई के 20-25 दिन में फसल को कीट व कवक जनित रोगों से बचाव के लिए पहला छिड़काव कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% 300 ग्राम + प्रोफेनोफॉस 40% + साइपरमेथ्रिन 4% EC 400 मिली प्रति एकड़ की दर से करें।
फसल की वानस्पतिक वृद्धि एवं विकास के लिए समुद्री शैवाल 400 ग्राम या जिब्रेलिक अम्ल 0.001% 300 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
इन सभी छिड़काव के साथ सिलिकॉन आधारित स्टीकर 5 मिली प्रति 15 लीटर पानी का उपयोग अवश्य करें।
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