किसान भाइयों इस साल वापस 2020 की भांती टीडी दल खेत पर आक्रमण कर सकते हैं क्योंकि इस साल मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अच्छी खासी बारिश होने पर टीड्डीयों की प्रजनन दर में वृद्धि होगी।
2021 में वर्षा कम होने के कारण टिड्डीयो में प्रजनन दर में गिरावट हूई और 2020 में जिस प्रकार टिड्डी ने किसानों की खेती को नष्ट किया था उससे सावचेत होकर 50 देशों ने एक साथ मिलकर टिड्डी के लिए काफी ऑपरेशन किए थे।
इस साल मानसून की अच्छी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने अक्टूबर महीने में India-Pakistan बॉर्डर पर टिड्डी आने की संभावना व्यक्त की है।
एफएओ के अनुसार जुलाई से सितंबर के दौरान भारतीय उपमहाद्वीप में मानसून की अच्छी खासी बारिश होगी, जिसके चलते टिड्डी को प्रजनन के लिए थार रेगिस्तान में अनुकूल परििस्थतियां मिलेगी और टिड्डी का दल काफी बड़ा हो जाएगा।
इससे टिड्डी अपने झुंड में बढ़ोतरी कर सकती है। बारिश के चलते भारत-पाकिस्तान के अलावा अफ्रीका के उत्तरी साहेल, यमन के आंतरिक भाग और पूर्वोत्तर इथोपिया में भी Locust बढ़ने की आशंका व्यक्त की गई है।

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