खेतों में जंगली जानवर के चरने से किसानों को काफी नुकसान होता है और आज के समय खेतों में गाय , नीलगाय के साथ सुअर काफी संख्या में झुंड बनाकर खेतों में आकर कुछ ही समय में खेत को बर्बाद कर देते हैं।
तेजी से जंगली जानवर की संख्या बढ़ने से खेतों में हो रहे पशुओं के नूकसान को रोकने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने 20 साल बाद जंगल के नियम बदले हैं और एक बार में 5-5 नीलगाय और जंगली सूअर का शिकार करने की इजाजत दी है।
मध्य प्रदेश सरकार के बदले नियमानुसार नीलगाय और जंगली सूअर को मारने के लिए शिकारी पहले अनुमति लेनी होगी और लाइसेंसी हथियार रखने वाले उन्हें मार सकेंगे।
अनुमति के लिए व्हाट्सएप और ईमेल के जरिए रेंजर को आवेदन करना होगा।
शिकारी के द्वारा किए गए शिकार से अगर जानवर की मौत जंगल में हो जाती है तो भी गुनाह नहीं माना जाएगा।
अगर किसी शिकारी के पास लाइसेंस नहीं है तो वह अन्य लाइसेंसी शिकारी के द्वारा शिकार करवा सकता है और आवेदन फॉर्म में दोनों का नाम लिखना होगा।
इस नियम से पूर्व शिकार की प्रमिशन पहले एसडीएम देते थे परंतु अब एसडीओ फॉरेस्ट शिकार की प्रमिशन देंगे।
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