नमस्कार किसान भाइयों आज हम जानेंगे कि सभी किसान किसान क्रेडिट कार्ड के लिए बहुत प्रयास करते हैैं।

किसान क्रेडिट कार्ड के द्वारा कोई भी किसान ₹300000 पर मात्र 4% ब्याज दर से रुपए प्राप्त कर सकता है इसलिए किसान भाइयों को अपने खेत के लिए आवश्यक बीज ,खाद, उर्वरक, उपकरण आदि सामान खरीदने के लिए आसानी हो जाती है।

जी हां किसान भाइयों आपने सुना होगा कि किसान क्रेडिट कार्ड पर 7% का ब्याज लगता है परंतु आज हम विशेष रुप से यह जानेंगे कि 7% का ब्याज 4% कैसे हो जाता है। 



केसीसी के नियमानुसार हर 6 महीने पर केसीसी का नवीनीकरण या पलटी करण होता है अगर कोई किसान समय-समय पर अपने केसीसी का नवीनीकरण करवाता है तो उस केसीसी पर सरकार 3% ब्याज दर की छूट करती है इस प्रकार किसान को केवल 4% ब्याज ही भुगतान करना होता है।

सरकार के अनुसार 31 मार्च और 30 सितंबर को किसान के द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम पर उठाई गई राशि का भुगतान करना होता है।

 सामान्यतः कुछ बैंकों में किसानों के द्वारा केवल ब्याज भुगतान करके भी नवीनीकरण हो जाता है जिससे किसानों को मात्र 4% का ही ब्याज चुकाना होता है।

कुछ किसान भाई चुनावी वादों , कर्ज माफी के चक्कर में आकर केसीसी की नवीनीकरण प्रक्रिया को पूरा नहीं करते हैं जिस कारण उनकी ब्याज दर में बढ़ोतरी हो जाती है ।

▪️अगर कोई किसान 1 साल में केसीसी का नवीनीकरण नहीं कर पाता है तो उसकी ब्याज दर 9% पहुंच जाती है।

▪️कोई किसान 3 साल तक केसीसी का नवीनीकरण नहीं कर पाता है तो उसकी ब्याज दर 11% पहुंच जाती है।

▪️किसान 4 साल तक केसीसी का नवीनीकरण नहीं कर पाता है तो उसकी ब्याज दर 14% हो जाती है।

अगर समय समय पर केसीसी का पलटीकरण करवाया जाता है तो सामान्यतः तीन लाख की राशि पर 4 साल में किसान को ₹48000 का ब्याज जमा करवाना पड़ता है परंतु अगर कोई किसान समय पर पलटीकरण नहीं करवाता है तो 4 साल बाद किसान को ₹200000 तक का बोझ बहुत बढ़ जाता है।

इस प्रकार किसान का ऋण काफी बढ़ जाता है और किसान का कर्ज नहीं चुकाने की स्थिति में रोड़ा एक्ट के तहत बैंक कार्रवाई करती है और उसमें रोड़ा चार्ज ,फाइल चार्ज, पेनल्टी चार्ज मिलाकर किसान को बहुत नुकसान होता है।


अगर कोई चुनावी वादों में कर्ज माफ की घोषणा करता है तो उसमें भी बहुत सारी शर्तें होती है जिस अनुसार किसान का केवल 40 से ₹50000 ही माफ होता है संपूर्ण कर्ज माफ नहीं होता ।

इसलिए किसानों को समझना होगा कि समय-समय पर अपनी केसीसी का नवीनीकरण करवाते रहें जिससे ब्याज दर बढ़ने की बजाय 3% कम हो जाती है और नवीनीकरण कराने से बैंक का सिविल स्कोर अच्छा आने से किसानों को देने वाली राशि की लिमिट भी बैंक के द्वारा बढ़ाई जा सकती है जिस कारण किसान अपनी आवश्यकता की पूर्ति आसानी से कर सकता है।

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